Indian Railway: रेलवे ने सीनियर सिटीजन को दिया बड़ा तोहफा, अब बुजुर्गों को किराए में मिली छूट? यहां देखें डिटेल

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Indian Railway: कोरोना काल के दौरान कई नियमो में बदलाव हुए। लॉकडाउन हुआ और कई लोगों के तो घरों में खाने के लाले भी पड़ गये थे। वही, कई सरकारी सुविधाओं पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ा था। कोरोना महामारी के दौरान कई सुविधाओं को बंद कर दिया गया था, जो सरकार की तरफ से देशवासियों को दी जाती थी। इनमें से एक थी रेलवे में सीनियर सीटिजेन और पेंशनर्स को मिलने वाली छूट। इसे कोरोना काल के दौरान बंद कर दिया था, लेकिन भी भारतीय पेंशनर्स समाज दोबारा इश छूट को लागू करने की मांग पर डटा हुआ है।

बजट में भी मिली निराशा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024 का बजट पेश करने की तैयारी के दौरान भी लोगों को उम्मीद थी कि आम चुनावों से पहले सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिक रेलवे रियायत की संभावित बहाली की जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वरिष्ठ नागरिक रेलवे रियायत पहले मेल, एक्सप्रेस, दुरंतो, शताब्दी, जन शताब्दी और राजधानी ट्रेनों की सभी श्रेणियों में वरिष्ठ नागरिकों को रियायतें देती थी, जिसमें पुरुषों के लिए 40% रियायत और महिलाओं के लिए 50% रियायत दी जाती थी, जिनकी न्यूनतम आयु क्रमशः 60 और 58 वर्ष थी।

COVID-19 महामारी के कारण 20 मार्च, 2020 को शुरू में निलंबित की गई रियायत को अभी तक केंद्रीय रेल मंत्रालय द्वारा बहाल नहीं किया गया है। निलंबन की अवधि के दौरान, रेलवे ने आठ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों से कुल ₹5,062 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जिसमें से ₹2,242 करोड़ रियायतों की अनुपस्थिति के कारण थे।

वरिष्ठ नागरिकों में, 4.6 करोड़ पुरुष थे, 3.3 करोड़ महिलाएं थीं और लगभग 18,000 ट्रांसजेंडर थे। महामारी के काल को बीते हुए अब अच्छा खासा समय हो चुका है और अब भारतीय पेंशनर्स समाज की मागं है कि वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को दोबारा बहाल किया जाये।

पीएमओ इंडिया को लिखा खत

अपनी इस मांग के संबंध में भारत पेंशनभोगी समाज ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत भी लिखा है। खत में मांग की गयी है कि सीनियर सिटिजन्स को मिलने वाली रेल रियायत को फिर से बहाल किया जाए। ये वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान था और इसे बंद करना न्यायसंगत नहीं है।